मुश्किलों में न आँसू न आहें काम आती है
दवा जब असर नहीं करती दुआयें काम आती है
ज़िंदगी के सफ़र में ज़रूरी है इक हमसफ़र
मंज़िल की तलाश में जब कोई भटके दर बदर
उस वक्त किसी अपने की बाँहें काम आती है
जो दिखता है आखों से वैसा सदा नहीं होता
दिल में जो भी रहता है कभी जुदा नहीं होता
आँखें में अंधेरा हो तो दिल की निगाहें काम आती हैं
हिम्मत और सबर से हल हो जाती है सारी मुश्किलें
तन्हाई में भी सज़ा सकता है कोई दिल की महफ़िलें
सब को साथी नहीं मिलता न पनाहें काम आती है
ख़ुदा तुझ को वही देगा जिस के तू है क़ाबिल
जो ख्वाहिशें है तेरी उसे मेहनत से कर हासिल
हमेशा मंदिर गुरुद्वारे और दरगाहें काम नहीं आती
वक्त से अच्छा और सच्चा यहाँ उस्ताद कहाँ है
सब कुछ है मेरे पास पर दिल नौशाद कहाँ है
दिल में जलन की आग हो छायें काम नहीं आती
चलो अच्छा हुआ हम ने भी जमाने का चलन समझा
जुदाई कैसी होती है और कैसा मिलन समझा
‘चाहत’ कोन कहता है दर्द में चाहें काम नहीं आती