Saturday 28 October 2017

गीत : तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है

तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े
बेवफ़ाई कर गई तु, या मजबूरी थी तेरी कोई
तेरा क़सूर नहीं है कोई, यह बदली हुई हवा है
तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े

तूजे वो ख़ुशी भी मिले, जो शाहिद मैं दे न पाया
तेरे साये से भी रहे दूर, दुख दर्द का हर साया
मेरी तरह तेरा रिस्ता, न कोई ग़मों से जोड़ें
तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े
मुझे तुम से जो मिली वो प्यार करने की सज़ा है

तूजे फूल की तरह रख के भी काँटे ही मैंने पाए
तेरी ज़िन्दगी से दूर किये थे मैंने बर्बाददियों के साये
फिर से तेरे बदन पे मेली चादर न कोई ओडे
तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े
सचाई तु ही जानती है या जाने मेरा खुदा है

सफ़र आसान लगा जब तक तूने साथ भी निबाया
मुश्किलें जब आइ मुझपे तु क्यों साथ चल न पाया
फिर इरादे तेरे बदले फिर वादे तूने तोड़े
तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े
यह फ़ेसला है तेरा या क़ुदरत की यह रजा है

तेरे बिना पड़े गा जीना न सोचा था कभी यह
अपना प्यार बहुत सा सच्चा न धोखा था कभी यह
साथ चलते चलते तूने अपने रास्ते क्यों मोड़े
तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े
प्मेरे यार में कमी नहीं है कोई दूसरी वजह है

जन्मों क जिस को समजा वो रिस्ता पलों में टूटा
धोखा दे चुका है तु मुझको या अब भी तु है रूठा
हेरान हूँ रूहों के वंदन तूने पल में कैसे तोड़े
तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े
तु मेरी ज़िंदगी थी अब सामने कजा है

इस जनन क्या हर जनम मैं तेरा इंतज़ार करूँ गा
तु किसी की भी बन जा मैं तुमसे प्यार करूँ गा
कच्चे नहीं है इतने मैंने बनदन जो है जोड़े
तूने मेरा दिल है तोड़ा, फिर भी यही दुआ है
तेरे दिल से न कोई खेले, तेरा दिल न कोई तोड़े
हो सके तो लौट आना “चाहत” यह इल्तज़ा है