Thursday 2 November 2017

तुम छोड़ गई हो पर अपनी जुदाई कभी न होगी

तुम छोड़ गई हो पर अपनी जुदाई कभी न होगी
तेरी यादें हैं साथ मेरे तन्हाई कभी न होगी

याद तुझको भी रहे गी कुछ मेहरबानियाँ मेरी
तुम कर गई पर मुझसे बेवफ़ाई कभी न होगी

यादों में सदा रहो गे ख़यालों से न जावो गे
प्यार के पत्थरों पे जम्मी काई कभी न होगी

टूटा है मगर यह तूजे याद कर न पाए 
मेरे दिल की दोस्त इतनी तबाई कभी न होगी

तु बेवफ़ा हो गई है बस मैं ही जानता हूँ
क़सम है मुझसे तेरी रुशवाई कभी न होगी

किसी के भी साथ रह ले किसी पे भी लुटा अदाएँ
दावा मगर है मेरा तु पराई कभी न होगी

तु लौट आए गी इक दिन यक़ीं है अब भी मुझको
तेरे बिना न सजें गी महफ़िल शहनाई कभी न होगी

तु बदल गई है और तेरा दिल भर गया है मुझे से
पर मेरे प्यार की कम फिर भी गहराई कभी न होगी

इल्ज़ाम बेवफ़ाई का तु मेरे सर पे लगा देना
देनी पड़े गी तुझ को अपनी सफ़ाई कभी न होगी

तू साँचे में डली हो रूह में समाई हो कब से
मेरे जिस्म से दूर तेरी परछाईं कभी न होगी


धोखा दिया है मुझको तोड़ा है दिल भी तूने
पर “चाहत” मेरे मुँह से तेरी बुराई कभी नं होगी

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