फिर ज़हन में उठी हैं
तेरी यादों की तरंगे
फिर बिखर सी गई हैं
उम्मीदें और उमंगे
फिर उदास हो गया हूँ
मैं ख़ुद से संवाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
फिर साथ तेरे गुज़रे
लम्हे कह रहे हैं
क्या आप मेरे बिना ज़िन्दा
आराम से रह रहे हैं
क्या आप को भी जीने में
तकलीफ़ नहीं होती
क्या आप की सुबह मेरी
शाम के लिए नहीं रोती
फिर ग़मग़ीन हो गया हूँ
तेरे आने की फ़रियाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
फिर सारे काँच के सपने
आँखों में आ चुबे हैं
तलवार की तरह से
दिल में आ ख़ूबे हैं
फिर दर्द मेरे दिल का
दिल को दुखा रहा है
फिर ग़ूमा हुआ है मुझको
तु मिलने आ रहा है
फिर तन्हाई मिटा लि दिल की
तेरी बातों से आबाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
तेरे बिना कोई मेरा नहीं
यह तु भी जानती है
मैं सदा ही रहूँ गा तेरा
यह हक़ीक़त भी मानती है
फिर भी अलग होने का
सदमा मैंने सहा है
यह तेरा अपना फ़ेसला है
लोगों ने यह कहा है
तूजे दुख नहीं है कोई
मुझ को बरबाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
कभी तो ऐ दोस्त तुझको
ग़लती का अहसास होगा
मुझे याद कर कर के
तु पल पल उदास होगा
आँसू तेरी आँखों से
अपने आप बह जायें गे
आते जाते वक़त के झोंके
तुझको यह बता जायें गे
तेरा भी जीना होगा मुस्किल
ख़ुद को बंदन से आज़ाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
तु औरत है तुझ से यह उम्मीद न थी
मर्दों की तरह तु साथी बदल देगी
ममता प्यार अपनापन को छोड़ के
अपने चाहने वाले को ही छल देगी
इरादे वादे क़समें सब को भुला के
दिल को तोड़ के रूह को ज़ख़्म देगी
कुछ ख़्वाहिशों के पूरा न होने पे
ख़ुशियाँ देने वाले को ही दर्द ओ ग़म देगी
ज़रा सोच के तु ख़ुश रह सके गी
दिल घर और जहाँ बरबाद कर के
फिर दिल रो रहा “चाहत”
तेरे चेहरे को याद कर के
तेरी यादों की तरंगे
फिर बिखर सी गई हैं
उम्मीदें और उमंगे
फिर उदास हो गया हूँ
मैं ख़ुद से संवाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
फिर साथ तेरे गुज़रे
लम्हे कह रहे हैं
क्या आप मेरे बिना ज़िन्दा
आराम से रह रहे हैं
क्या आप को भी जीने में
तकलीफ़ नहीं होती
क्या आप की सुबह मेरी
शाम के लिए नहीं रोती
फिर ग़मग़ीन हो गया हूँ
तेरे आने की फ़रियाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
फिर सारे काँच के सपने
आँखों में आ चुबे हैं
तलवार की तरह से
दिल में आ ख़ूबे हैं
फिर दर्द मेरे दिल का
दिल को दुखा रहा है
फिर ग़ूमा हुआ है मुझको
तु मिलने आ रहा है
फिर तन्हाई मिटा लि दिल की
तेरी बातों से आबाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
तेरे बिना कोई मेरा नहीं
यह तु भी जानती है
मैं सदा ही रहूँ गा तेरा
यह हक़ीक़त भी मानती है
फिर भी अलग होने का
सदमा मैंने सहा है
यह तेरा अपना फ़ेसला है
लोगों ने यह कहा है
तूजे दुख नहीं है कोई
मुझ को बरबाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
कभी तो ऐ दोस्त तुझको
ग़लती का अहसास होगा
मुझे याद कर कर के
तु पल पल उदास होगा
आँसू तेरी आँखों से
अपने आप बह जायें गे
आते जाते वक़त के झोंके
तुझको यह बता जायें गे
तेरा भी जीना होगा मुस्किल
ख़ुद को बंदन से आज़ाद कर के
फिर दिल रो रहा
तेरे चेहरे को याद कर के
तु औरत है तुझ से यह उम्मीद न थी
मर्दों की तरह तु साथी बदल देगी
ममता प्यार अपनापन को छोड़ के
अपने चाहने वाले को ही छल देगी
इरादे वादे क़समें सब को भुला के
दिल को तोड़ के रूह को ज़ख़्म देगी
कुछ ख़्वाहिशों के पूरा न होने पे
ख़ुशियाँ देने वाले को ही दर्द ओ ग़म देगी
ज़रा सोच के तु ख़ुश रह सके गी
दिल घर और जहाँ बरबाद कर के
फिर दिल रो रहा “चाहत”
तेरे चेहरे को याद कर के
No comments:
Post a Comment