यह दुनिया है इस में तो हर बात का सौदा होता है
चेहरों की नुमाइश होती है जज़्बात का सौदा होता है
जलवे भी खूब बिकते हैं जिस्मों की बोली लगती है
दीदार की क़ीमत होती है मुलाक़ात का सौदा होता है
रंगीन महफ़िलों में अक्सर होते है काले काले काम
इज़्ज़त की कोई इज़्ज़त नहीं हर रात का सौदा होता है
कपड़ों से यहाँ किरदार पे उठाये जाते है सवाल कितने
हैसीयत देख के होता है प्यार और औक़ात का सौदा होता है
दहेज बिना दूल्हा नहीं मिलता बेटी चाहे हो लाखों में एक
रानी हो या कोई हो दासी हर हाथ का सौदा होता है
गरीब का सब कुछ बिकता है ज़मीन हो या मजबूरी
जो किसी के बस में नहीं होते हालात का सौदा होता है
सच्चाई की राह पे चलना किताबों में लिखा मिलता है
झूठ तो हाथों हाथ बिके सच्चे सवालात का सौदा होता है
धर्म के ठेकेदारों ने चलाई है नफ़रत की ऐसी दुकाने
जहाँ इंसान का कोई मोल नहीं पर जात का सौदा होता है
राजनीति की कोई नीति नहीं दिशा हीन दिशा दिखाते हैं
इस हमाम में सारे है नंगे फिर भी साथ का सौदा होता है
अब नाम का जनतंत्र है चुनाव में उम्मीदवार बिकते हैं
कहीं कमल बिके कहीं झाड़ू कहीं हाथ का सौदा होता है
खेल भी खेले जाते है यहाँ पैसे के लिए ‘चाहत’
जब जीत नहीं बिकती तो मात का सौदा होता है