Wednesday 6 April 2022

सौदा

यह दुनिया है इस में तो हर बात का सौदा होता है 

चेहरों की नुमाइश होती है जज़्बात का सौदा होता है 


जलवे भी खूब बिकते हैं जिस्मों की बोली लगती है 

दीदार की क़ीमत होती है मुलाक़ात का सौदा होता है 


रंगीन महफ़िलों में अक्सर होते है काले काले काम 

इज़्ज़त की कोई इज़्ज़त नहीं हर रात का सौदा  होता है 


कपड़ों से यहाँ किरदार पे उठाये जाते है सवाल कितने

हैसीयत देख के होता है प्यार और औक़ात का सौदा होता है 


दहेज बिना दूल्हा नहीं मिलता बेटी चाहे हो लाखों में एक

रानी हो या कोई हो दासी हर हाथ का सौदा होता है 


गरीब का सब कुछ बिकता है ज़मीन हो या मजबूरी

जो किसी के बस में नहीं होते हालात का सौदा होता है


सच्चाई की राह पे चलना किताबों में लिखा मिलता है 

झूठ तो हाथों हाथ बिके सच्चे सवालात का सौदा होता है 


धर्म के ठेकेदारों ने चलाई है नफ़रत की ऐसी दुकाने 

जहाँ इंसान का कोई मोल नहीं पर जात का सौदा होता है


राजनीति की कोई नीति नहीं दिशा हीन दिशा दिखाते हैं 

इस हमाम में सारे है नंगे फिर भी साथ का सौदा होता है 


अब नाम का जनतंत्र है चुनाव में उम्मीदवार बिकते हैं 

कहीं कमल बिके कहीं झाड़ू कहीं हाथ का सौदा होता है 


खेल भी खेले जाते है यहाँ पैसे के लिए ‘चाहत’

जब जीत नहीं बिकती तो मात का सौदा होता है